Chhatrapati Shivaji Maharaj History Information

 

Shivaji Maharaj Jayanti Information Hindi

हमारे भारतीय इतिहास में ऐसे कई बड़े-बड़े पराक्रमी राजा हुए थे जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपनी जान तक दांव पर लगा दी थी लेकिन कभी भी दुश्मनों के आगे झुके नहीं I और अगर हम बात करते हैं वीर पराक्रमी राजाओं की तो उनमें सबसे पहले हमारी जुबान पर जो नाम आता है वह है Chhatrapati Shivaji Maharaj का I जिन्होंने मुगलों के आने के बाद देश में गिरती हुई हिंदू और मराठा संस्कृति को एक नई दिशा दी थी I

Chhatrapati Shivaji Maharaj - छत्रपति शिवाजी महाराज को भारतीय गणराज्य का महानायक माना जाता है और मराठा साम्राज्य का गौरव भी माना जाता है I छत्रपति शिवाजी महाराज बहुत ही बुद्धिमान, निडर, बहादुर और एक अच्छे रणनीतिक गए थे I उन्होंने अपनी योग्यता के बल पर मराठा को संगठित करके मराठा साम्राज्य की स्थापना भी की थी I

Shivaji Maharaj एक बहुत ही अच्छे सेनापति भी थे I और कुशल शासक होने के साथ-साथ वह एक बहुत ही अच्छे मार्गदर्शक भी थे I उन्होंने मुगलों के सामने न सिर्फ हिंदू साम्राज्य को स्थापित किया बल्कि हमारे भारत वासियों को एक नई राह भी दिखाई I और शिवाजी महाराज को हिंदुस्तान में हिंदू सम्राट के नाम से भी जाना जाने लगा I

दोस्तों Chhatrapati Shivaji Maharajअपने बचपन काल से ही बहुत ही वीर, निडर और साहसी थे I और वह अपनी मातृभूमि से बहुत प्रेम करते थे I शिवाजी महाराज की पहली गुरु उनकी मां जीजाबाई थी I और उनका उनके जीवन पर बहुत ही गहरा प्रभाव रहा था I शिवाजी महाराज ने अपनी शस्त्र विद्या उनके दादा से ली थी I

शिवाजी महाराज का जन्म उस समय हुआ जब पूरे देश में मुगलों का शासन था I और उस समय सबसे खतरनाक मुगल शासक औरंगजेब था I लेकिन छत्रपति शिवाजी महाराज का साहस, वीरता और शौर्य को देखकर औरंगजेब को भी दांतो तले उंगलियां चबाने पड़ी I क्योंकि उस काल में सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज ही एक ऐसे राजा थे जिसने औरंगजेब का डटकर सामना किया और उसके दांत खट्टे कर दिए I

Chhatrapati Shivaji Maharaj का राज्याभिषेक बहुत ही कम उम्र में हुआ था I लगभग 20 साल की उम्र में उनका राज्याभिषेक हो गया था I फिर भी इतनी कम उम्र में शिवाजी महाराज का साहस, उनकी वीरता, उनका शौर्य देखने लायक था I

शिवाजी महाराज ने मुगल काल में मुगलों के अधीन सूरत को कई बार लूटा और उनका सारा खजाना लाकर अपने किले में रख लिया I और सिर्फ इतना ही नहीं शिवाजी महाराज ने औरंगजेब के आधीन हुए कई राज्यों पर जीत हासिल की और उन्हें औरंगजेब से मुक्त कर अपने साथ में ले लिया I

दोस्तों Chhatrapati Shivaji Maharaj भारत में मुगलों के शासन को कम करना चाहते थे और उसी वजह से उन्होंने अपने शासन काल के समय हिंदू हिंदू संस्कृति और मराठा संस्कृति को दोबारा से जीवित करने का प्रयास किया दोस्तों  और जिसका सबसे बड़ा सबूत यह है कि उनके दरबार में अन्य भाषाओं जैसे - फारसी भाषा के स्थान पर संस्कृत भाषा और मराठी भाषा का उपयोग किया गया था I

दोस्तों इस लेख में हम आपको बताएंगे कि मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन और उनके इतिहास के बारे में

छत्रपति शिवाजी महाराज का इतिहास

Chhatrapati Shivaji Maharaj का पूरा नाम शिवाजी राजे भोसले था और उनका जन्म 19 फरवरी 1630 को हुआ था I शिवाजी महाराज का जन्म स्थान शिवनेरी दुर्ग जो महाराष्ट्र में है वहां पर हुआ था I  उनकी मृत्यु 3 अप्रैल 1680 में हुई थी I

शिवाजी महाराज के पिता का नाम शाहजी राजे भोसले था और उनकी माता जीजाबाई था I शिवाजी महाराज की शादी सईबाई निंबालकर से हुई थी I शिवाजी महाराज के दो बेटे और 6 बेटियां थी जिनका नाम है संभाजी, राजाराम, सखूबाई, रानुबाई, राजकुंवरबाई, दीपाबाई, कमलाबाई और अंबिकाबाई I

छत्रपति शिवाजी महाराज का परिवार

Chhatrapati Shivaji Maharaj के पिता का नाम शाहजी राजे भोसले था I वह बीजापुर के सुल्तान आदिलशाह के दरबार में एक सैनिक दल के सेनापति और एक बहुत ही साहसी योद्धा थे I जो कि उस समय दख्खन के सुल्तान के अधीन थे I  उन्हें उनकी पत्नी जीजाबाई से 8 संताने प्राप्त हुई थी जिनमें 6 बेटियां और दो बेटे थे I उन्हीं में से एक शिवाजी महाराज थे I

दोस्तों ऐसा कहा जाता है कि शाहजी राजे भोसले ने पत्नी जीजाबाई और पुत्र शिवाजी महाराज के सुरक्षा की देखरेख की जिम्मेदारी उनके दादा कोंडदेव पर छोड़ रखी थी I और उनके पिता उनकी जिम्मेदारी को निभाने के लिए कर्नाटक चले गए थे I

Chhatrapati Shivaji Maharaj के दादा कोंडदेव जी ने शिवाजी महाराज को हिंदू धर्म के बारे में बहुत कुछ बताया, उसकी शिक्षा दी और इसके साथ साथ युद्ध कला, घुड़सवारी, राजनीति के बारे में भी बहुत कुछ सिखाया था I  और उनके बाद उनकी माता जीजाबाई ने शिवाजी महाराज का लालन-पालन किया था I  इसलिए शिवाजी महाराज उनकी माता के बहुत ही करीब थे

दोस्तों यहां हम आपको बता दें कि Chhatrapati Shivaji Maharaj की माता जीजाबाई की बदौलत ही शिवाजी एक वीर कुशल पराक्रमी शासक बन सके I  क्योंकि उनकी माता ने बचपन से ही उनके अंदर राष्ट्रभक्ति, हिंदू संस्कृति और नैतिक चरित्र के ऐसे बीज बोए थे

जिसकी वजह से शिवाजी महाराज उनके जीवन में उनके उद्देश्यों को हासिल कर सके I  और कई बड़े-बड़े मुगल शासकों को पराजित कर सके और भारत में मराठा साम्राज्य की नींव को मजबूत किया I

 

 


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